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Arthritis (गठिया)

Arthritis, known as "गठिया" in Hindi, refers to inflammation and stiffness in the joints, leading to pain, swelling, and reduced mobility. There are several types of arthritis, but the most common ones include osteoarthritis and rheumatoid arthritis. Here's an overview of arthritis:

60

Treatment time

56

number of treatments

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Rs.0

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  1. Osteoarthritis (अस्थिमज्जागत गठिया): This is the most common form of arthritis, typically occurring with age or as a result of joint injury or wear and tear. Osteoarthritis affects the cartilage, the protective tissue covering the ends of bones in a joint, causing it to break down over time. As the cartilage wears away, bones may rub against each other, leading to pain, stiffness, and loss of joint function.

  2. Rheumatoid Arthritis (रूमेटोयड गठिया): Rheumatoid arthritis is an autoimmune disease where the body's immune system attacks the synovium, the lining of the membranes that surround the joints. This results in inflammation, swelling, and pain in the affected joints. Rheumatoid arthritis can also cause damage to other organs and tissues in the body.

  3. Other Types of Arthritis: There are many other types of arthritis, including psoriatic arthritis, ankylosing spondylitis, gout, and lupus arthritis, each with its own unique characteristics and causes.

Common symptoms of arthritis include:

  • Joint pain
  • Swelling and inflammation
  • Stiffness, especially in the morning or after periods of inactivity
  • Reduced range of motion
  • Warmth and redness around the affected joints
  • Fatigue and general malaise

Treatment for arthritis aims to reduce pain, improve joint function, and prevent further damage. This may include:

  • Medications such as pain relievers, nonsteroidal anti-inflammatory drugs (NSAIDs), corticosteroids, or disease-modifying antirheumatic drugs (DMARDs)
  • Physical therapy and exercise to strengthen muscles, improve flexibility, and maintain joint mobility
  • Lifestyle changes such as maintaining a healthy weight, eating a balanced diet, and avoiding activities that exacerbate joint pain
  • Assistive devices such as braces, splints, or orthotics to support and protect the joints
  • In severe cases, surgery may be recommended to repair or replace damaged joints.

It's essential for individuals with arthritis to work closely with healthcare professionals to develop a comprehensive treatment plan tailored to their specific needs and symptoms. Early diagnosis and intervention can help manage arthritis symptoms and improve quality of life.

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Back Ache (कमर दर्द)

कमर दर्द (Backache) एक आम समस्या है जो लोगों को परेशान कर सकती है। यह किसी भी उम्र में हो सकता है और इसके कई कारण हो सकते हैं। निम्नलिखित कारण हो सकते हैं:

450

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300

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  1. मांसपेशियों की कमजोरी: पीछे की मांसपेशियों की कमजोरी, उत्तेजन, या अतिरिक्त दबाव के कारण कमर दर्द का कारण बन सकती है।

  2. कमर में चोट: चोट, घाव, या उत्तेजन के कारण कमर में दर्द हो सकता है।

  3. रीढ़ की हड्डी की समस्याएँ: रीढ़ की हड्डी के किसी भी संघटन, जैसे कि चढ़ाई या उताराई, के कारण भी कमर दर्द हो सकता है।

  4. स्पाइनल स्टेनोसिस: स्पाइनल स्टेनोसिस नामक बीमारी में कमर की हड्डी के चारों ओर स्पिनल कैनल की स्थानीय नसों का बढ़ जाना और दबाव बढ़ने से कमर में दर्द हो सकता है।

  5. आर्थ्राइटिस: अर्थराइटिस नामक रोग के कारण भी कमर में दर्द हो सकता है।

कमर दर्द को कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:

  1. आराम: प्रारंभिक स्थिति में, आराम करना और उत्तेजन से बचना कमर दर्द को शांत करने में मदद कर सकता है।

  2. गरमी और ठंडा उपचार: कमर दर्द के लिए गर्म और ठंडा उपचार का उपयोग किया जा सकता है। गर्म तेल लगाना, गर्म पैड लगाना, या आरोमाथेरपी का उपयोग कर सकते हैं।

  3. व्यायाम: कुछ साधारण पृष्ठमंडली के पर्याय में शामिल हैं जो कमर दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं। इनमें से कुछ हैं: सुपीन, कमर पेटी, पसीना निकालने के लिए व्यायाम, और कमर और पीठ की मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए व्यायाम।

  4. दवाइयाँ: कमर दर्द को कम करने के लिए आयुर्वेदिक या अन्य औषधियों का उपयोग किया जा सकता है। डॉक्टर की सलाह और परामर्श के बाद ही इस्तेमाल करें।

कमर दर्द के लिए इलाज करने के लिए जरूरी है कि किसी चिकित्सक से परामर्श लें। वे आपकी जाँच करेंगे और सही इलाज का सुझाव देंगे जो आपके लिए सही है।

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Cervical (सर्वाइकल)

सर्वाइकल दर्द (Cervical Pain) एक सामान्य समस्या है जो व्यक्ति के गर्दन क्षेत्र में होता है। यह कई प्रकार की समस्याओं का परिणाम हो सकता है, जैसे कि गलत पोस्चर, मांसपेशियों की तनाव, चोट, या रीढ़ की हड्डी की किसी बीमारी के कारण। यह दर्द अक्सर गर्दन के दाहिने या बाएं तरफ या बाएं कंधे तक पहुंच सकता है।

सर्वाइकल दर्द को कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय किये जा सकते हैं:

600

Treatment time

500

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  1. आराम: अधिक समय तक बैठे रहने या एक स्थिति में बने रहने से बचें। सही पोस्चर को बनाए रखें।

  2. गर्मी और ठंडा उपचार: गर्म तेल लगाना, गर्म पैड लगाना, या आरोमाथेरपी का उपयोग कर सकते हैं। इससे मांसपेशियों की तनाव कम होती है और दर्द में राहत मिलती है।

  3. ध्यानपूर्वक समय: सुबह के व्यायाम, योग, या मेडिटेशन करना सर्वाइकल दर्द को कम करने में मदद कर सकता है।

  4. डॉक्टर की सलाह: अगर सर्वाइकल दर्द लंबे समय तक बना रहता है या बहुत अधिक है, तो डॉक्टर की सलाह लें। वे आपके लिए सही इलाज का सुझाव देंगे जो आपके लिए सही है।

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Migraine (माइग्रेन)

माइग्रेन एक प्रकार का सिरदर्द (headache) है जो अक्सर एक तरफ़ (one-sided) होता है और बहुत ही तेजी से होता है। यह दर्द कई घंटे या दिनों तक चल सकता है। माइग्रेन के लक्षणों में सिरदर्द के साथ-साथ चक्कर आना, उल्टी (vomiting), और चमकदार रोशनी या ध्वनि की संवेदनशीलता भी शामिल हो सकती है।

माइग्रेन के कारण में आहार और लाइफस्टाइल फैक्टर्स, हार्मोनल बदलाव, संवेदनशीलता, उत्पादक वातावरण, तनाव और दवाओं की उत्तेजन शामिल हो सकते हैं।

माइग्रेन का इलाज करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:

900

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980

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  1. दवाइयाँ: डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवाइयों का इस्तेमाल करें। अक्सर उन्हें अच्छाई से बहुतर होने के लिए प्रोफ़ाइलैक्टिव दवाएं और उपचार के रूप में भी लिया जाता है।

  2. आराम: माइग्रेन के दौरान आराम करें। ध्यान योग या गहरी साँस लेने जैसी तकनीकें भी माइग्रेन के दर्द को कम कर सकती हैं।

  3. आहार और पीने की व्यवस्था: एक स्वस्थ और नियमित आहार का पालन करें, और उन खाद्य पदार्थों से बचें जो माइग्रेन को बढ़ावा देते हैं, जैसे कि कॉफी, चॉकलेट, और अधिक मात्रा में नमक।

  4. तनाव प्रबंधन: तनाव और तनाव को कम करने के लिए ध्यान और अभ्यास करें। योग, मेडिटेशन, या ध्यान आपको इसमें मदद कर सकते हैं।

  5. नींद और आराम: पर्याप्त नींद लेना और नियमित ध्यान देना भी माइग्रेन के लिए महत्वपूर्ण होता है।

माइग्रेन के इलाज के लिए डॉक्टर की सलाह

Snuffle (नज़ला)

नज़ला (Snuffle) एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या है जो नाक से निकलने वाली स्लाइम या मूकुस की बढ़ती मात्रा को दर्शाता है। यह एक साधारण और सामान्य समस्या होती है, जो सर्दियों या एलर्जी के कारण हो सकती है। इसके लक्षणों में शामिल हो सकते हैं:

600

Treatment time

560

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  1. नाक में बंदी मूकुस
  2. नाक से स्लाइम या पानी का बहना
  3. नाक के छींटने
  4. सांस लेने में कठिनाई
  5. नाक में खुजली या दर्द

नज़ला का इलाज निम्नलिखित हो सकता है:

  1. आराम और नियमित साफ़ाई: आराम करें और नाक को नियमित तौर पर साफ़ करें, सांस को बंद करने के लिए एक हाँका का उपयोग करें।

  2. गरम पानी से नाक का धोना: नाक को गरम पानी से धोने से मूकुस का संक्रमण कम हो सकता है।

  3. नाक की बंदी के उपाय: नाक की बंदी के उपाय जैसे कि नासाल स्प्रे या नासाल द्रवण का उपयोग करें।

  4. उपयुक्त दवा: नियंत्रित दवा लें, जैसे कि एंटीहिस्टामीन या देशी नुस्खे जैसे कि गर्म दूध में हल्दी और शहद का सेवन करें।

  5. उचित आहार और परिस्थितियों की देखभाल: स्वस्थ और पोषण संरक्षित आहार लें, और अपने परिसर में हाल को बनाए रखें।

नज़ला एक साधारण समस्या होने के बावजूद, यदि आपको लंबे समय तक इससे पीड़ा हो या यह अत्यधिक हो, तो डॉक्टर से सलाह लेना अच्छा होगा। वे आपकी स्थिति के आधार पर सही उपचार का सुझाव देंगे।

Asthma (दमा)

दमा (Asthma) एक फेफड़ों (lungs) की समस्या है जो वायुमंडल (airways) को संकुचित करती है, जिससे विच्छेदन (breathing) कठिन हो जाता है। यह अधिकतर वायुमंडलों की सूजन (inflammation) और मूक्तिस्तर का बढ़ जाने से होता है, जिससे वायुमंडलों की अंगुलियों (bronchial tubes) में आयरवे (airways) बन जाती हैं। यह दर्दनाक और खतरनाक हो सकता है, और यह अक्सर अचानक और भयंकर रूप से उत्पन्न होता है।

दमा के लक्षणों में शामिल हो सकते हैं:

650

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600

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  1. सांस लेने में कठिनाई
  2. छाती में दर्द या दबाव
  3. सांस लेने में श्वासग्रहण की संकेतों में बदलाव, जैसे कि गहरी और गहरी सांस लेने का अभाव
  4. चिंगारी, सर्दी या खांसी के संकेतों में बदलाव

दमा का इलाज निम्नलिखित हो सकता है:

  1. दवाएँ: डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवाइयों का इस्तेमाल करें, जैसे कि अस्थमा इन्हेलर (asthma inhalers)।
  2. लाइफस्टाइल परिवर्तन: अपने आहार, व्यायाम, और आपके आसपास के वातावरण के बारे में सतर्क रहें।
  3. अनुकूलन की प्रशिक्षण: आपके डॉक्टर या चिकित्सक द्वारा अनुकूलन की प्रशिक्षण लें, जो आपको अपने अस्थमा को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।

अस्थमा का नियंत्रण करने के लिए, आपको अपने डॉक्टर के साथ मिलकर सही इलाज प्राप्त करना होगा। अस्थमा के संकेतों के बारे में जानकारी रखना, अपने दवाइयों का सही ढंग से उपयोग करना, और नियमित चेकअप करवाना भी महत्वपूर्ण है।

जठरांत्ररोगविज्ञान (Gastroenterology) चिकित्सा

जठरांत्ररोगविज्ञान (Gastroenterology) चिकित्सा शाखा है जो आहार ग्रहण, पाचन, और जठरांत्र (आहार-पाचन तंत्र) संबंधित रोगों का अध्ययन, निदान, और उपचार करती है। इस चिकित्सा शाखा में जठरांत्र के संबंधित समस्याओं का उपचार किया जाता है, जैसे कि:

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900

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  1. पाचन संबंधित समस्याएँ: जैसे कि पेट की बीमारियाँ, जैसे कि पेट की जलन, एसिडिटी, पेट का दर्द, और उल्टियाँ।

  2. आंत्र संबंधित समस्याएँ: जैसे कि क्रोह्न रोग, आंत्रोकैलाइटिस, और आंत्र के उल्टी।

  3. प्रतिस्थापन चिकित्सा: जैसे कि गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (जठरांत्र) सिस्टम के विभिन्न हिस्सों की संवेदनशीलता में दर्द या असहमति के साथ जुड़े रोगों का इलाज।

  4. पेट के कैंसर: जैसे कि गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसरों के निदान और उपचार।

  5. गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सर्जरी: जैसे कि पेट और आंत्र के सर्जिकल इलाज।

जठरांत्ररोगविज्ञानी (Gastroenterologist) एक स्पेशलिस्ट डॉक्टर होते हैं जो इन समस्याओं का निदान करते हैं और उनका उपचार करते हैं। यह समस्याएँ विभिन्न कारणों से हो सकती हैं, जैसे कि आहार, थकान, धूम्रपान, और अधिकतम दवाओं का उपयोग। गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं का उपचार अक्सर दवाओं, आहार बदलाव, और समाधानात्मक तकनीकों के माध्यम से होता है।